आज खिड़िया कुल अवतरी सगत माँ प्रकाश जी
आज खिड़िया कुल अवतरी सगत माँ प्रकाश जी
आय दूजी बार इंद्र अम्ब रख विश्वास जी….
अंतरा
भगत रा दुख भांगवा अर करण सुख अधिवास जी
कृष्ण पख री तिथि आठम पोष पावन मास जी
आज खिड़िया—-
चरण धरिया चारणा कुल अर धरा उजियास जी,
भँवर राजल पिता माता करत सेवा खास जी,
आज खिड़िया……
जगत स्यु ठुकराविया जो हुवे जब परिहास जी
उण बखत आ अम्ब राखे निज चरण रो दास जी
आज खिड़िया—-
बिलखता निज देख बेटा माँ पुरावे आश जी
कर कृपा री निजर म्हां पर पूत राखे पास जी
आज खिड़िया—-
करणला री करे सेवा, आईदान रे बास जी,
लिखत कुंवर विराज चिरजा उर भरे उल्लास जी,
आज खिड़िया —