Skip to contentRead Moreओ मझ में अटको पुत तिहारोRead Moreरे मेरा भाई प्यारा,सब-सू न्यारा,भैरव किजो संभालRead Moreतू है सखा बड़भाग्य बडेरोRead Moreचरणा रो मां दास बणाकर सुखधाम निज राखोRead Moreमाँ प्रकाश धरो सिर हाथ मात मैं थारो शरणाईRead Moreचरणा सूं लगा-लो चारणी,मन घबरावे है ।Read Moreहे खिड़याणी रखलो सदा दास आपके चरणों मेंRead Moreदया करो मात् भंवरजाई…Read Moreसुखधाम धिराणी तारण बेगी आईRead Moreश्री इन्द्र बण्या प्रकाश सगत करणी सुखधाम सजावत हैRead Moreअन्नदाता मोपे ऐसी किरपा करो माईRead Moreम्हारीअरज सुणो प्रकाश मातRead Moreप्रकाश मां किरपा करो जी आप ही घणीRead Moreअन्नदाता थारी महीमा गाऊं मां प्रकाशRead Moreभगता रे भावे जी ओ मन, प्यारो लागे औरण वनRead Moreरट भोला मनड़ा मात प्रकाश को….Read Moreअम्बे माँ आपश्री प्रकाश जगत में,सब सगत्यां सिरताजRead Moreमेरी बेल्या मत तजो मां थांरो विरद गरीब नवाजRead Moreअन्नदाता थासूं भाळू माँ प्रित पुराणीRead Moreसज रियो श्री करणी सुखधामRead Moreश्री करणी सुखधाम सोवणो,आईदान रे बास रेRead Moreझूलो झूले जी खिड़यानीझूले बैठाया भँवरदुलारRead Moreइंद्र बाईसा बण्या प्रकाश मा खिडीया कुल अवतारी हैRead Moreमाँ खिडियाणी को मात मेरी भँवरदुलारी कोRead Moreकृपा कर माँ खिड़ियाणी,दुर्गा रूप धिराणीRead Moreमाँ प्रकाश ही सहाय करे तब,काळ बिगाड़ कछु नही पावैRead Moreबाईसा तो रास रमै जी. संग म नवलख सारी जीRead Moreतीजो रूप लिया छ आवड़ आईRead Moreमाँ प्रकाश लाज रखै जबRead Moreमनाऊ मै तो माँ प्रकाश सगत्तीRead Moreप्रकाश अम्बा राजत राज ढुढाड़ेRead Moreथारो बड़पन बिरद विचारो जीRead Moreअर्ज सुणो माँ प्रकाश धणीRead Moreबधाई हो बधाई मां जन्मदिन री बधाई हैRead Moreआज घड़ी रंग छाई,अन्नदाता स्वीकारो बधाईRead Moreजन्मदिन आयो अम्बे मात,अवल बधाई अन्नदाताRead Moreथाने जन्मदिवस री अवल बधाई आप स्वीकारो अन्नदाताRead Moreअन्नदाता प्रकाश माँ की प्रभाती चिरजाRead Moreसुगन बता म्हारी सोनचिड़कली, करणी माँ घर कद आसीRead Moreमेहाई मोरी करनल माई करज्यो किरपा किरतार ।Read Moreभवदुख रोग हरो मा भवानी,दयासिन्धु देशनोक री धिराणीRead Moreरखो अटल छत्र री छांव हिंगोल भवानी ।Read Moreइन्द्र अम्बा मदत चढ्या हद मेरी !Read Moreइन्द्र अम्बा कैसे सुमेर जिवायो ।Read Moreअम्बाये मोरी बीसोतर कुल भाणजिलै जोधाण बिराजैजी !!Read Moreअम्बाये मोरी सह सकत्यां सिरमोडदेवी देशाणै बिराजै सा !Read Moreअम्बै मैं तो करूं हूँ पुकार करीज्यू !अम्बै म्हारै आज्यो ज्यूँ वेग हरीज्यूँ !Read Moreकिन्दर किण विवर बसत किनियांणी !Read Moreधजाबन्द बोलत खुरद धिराणी,इन्द्र माँ हंस-हंस अमृत वाणीRead Moreअम्बा ये मोरी बाल्ही बुड़द विशेष !Read Moreकर दृग कोर कृपा री !लज्जा मौरी राखौजी मेह दुलारी !!Read Moreबऴू म्हांरै इन्द्र बाई सा !कऴू रो म्हांनै सोच न कांई सा !!Read Moreमै तो करूं छू अरज पड़ पाय !अम्बे म्हारै आवो जी आवड़ माय !Read Moreअरज सुण नवलख आज्यो जी !सिंह थांरां बेग सजाज्यो जीRead Moreम्हारी इंदर अम्बा अन्न धन्न देवो थे हमेश जीRead Moreइंद्रअम्बे रम्मत रास अखाड़ै,Read Moreप्यारो लागे सा अन्नदाता थांरो ओ मरदानो भेष!Read Moreतीन लोक रो ताज कहिजे,श्रीमढ खूड़द धाम।Read Moreभगवान ब्रह्माजी से संबंधित मान्यताएँ :-Read Moreखम्मा खम्मा इन्दर बाई थांरी सांची संकलाईRead Moreभगवान विष्णु से सम्बंधित मान्यताएँ :-Read Moreभगवान शिवजी से संबंधित मान्यताएँ :-Read Moreदेवी हिंगलाज शक्तिपीठ सम्बन्धी चारण जाति की मान्यताएँ :-Read Moreभगवान रामचन्द्रजी से संबंधित रामायणकालीन मान्यताएँ :-Read Moreभगवान कृष्ण से संबंधित महाभारतकालीन मान्यताएँRead Moreअवतारवाद :-Read Moreलोक देवी :-Read Moreदेवी हिंगलाज शक्तिपीठ सम्बन्धी चारण जाति की मान्यताएँ :-Read Moreनिरधारा आधार भैरवा निरधारा आधारRead Moreआधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारोRead MoreभूमिकाRead Moreकाळो गोरो नृत्य करै मंढ आगे !Read Moreभैरूँ आवज्यो दोनों रै भाई चाह छै घणीं !!Read Moreकरो करनादै मोहै काबो ! होवे नहीं दूर से आबोRead Moreअवतरि औरूं आविया,गांव खुड़द घंटियाल !Read Moreइन्द्रबाई आये कृपा करि आपRead Moreअम्बा हे गढ़ मानहु स्वर्ग बसायोRead Moreअम्बा मोरी श्री हिंगलाज सुथान,भई नव-लाख भेऴीजीRead Moreअरज इन्द्रबाई सूं आखां जी !Read Moreधिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ीRead Moreअर्ज सुण आज्यो भैरव नाथRead Moreशरणे लेल्यो सा थारां चरण चंडी रा अगवाण मतवाला म्हाने शरणे लेल्यो साRead Moreअद्भुत परचो आपरो माँ मनडो गाय रयो हैRead Moreअम्बे जी तो इंद्र सगत अवतारीRead Moreअम्बे जी रो अचल अखाड़ों सुचल हैंRead Moreकरणादे री गोदी में खेल करूँ छुंमाँ रे चरणा ध्यान धरूँ छुंRead Moreआज खिड़िया कुल अवतरी सगत माँ प्रकाश जीRead Moreइण कलजुग रे मांय अम्बिका कोई न साई जी आरत वाणी सुण खिड़यानी दौड़ी आई जीRead Moreजी म्हारे अन्नदाता स्यूँ आछो लागे आईदान रो बासRead Moreमनड़ा रट मेहाई मात देशाणा वाळी रे,Read Moreधिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ीRead MoreSHREE KARNI VIRAT ROOPRead Moreजो प्रकाश जपे उठता झुकRead Moreबिन बोल्या अम्बे कैसे कहूँ खिड़ियाणी म्हारे मन री आशRead Moreमां में थारो छूं थारो जननी थारो छूं थारोRead Moreमिट रह्यो म्हारो मान खिड़ीयाणी अब करुणा सुनलयो कान.Read Moreम्हाने राखलयो अन्नदाता थारे पास,प्रकाश मात थारा चरणा रेRead Moreकरती सभा जद करनला,जुगति जगत री जांचतीRead Moreदुबारे छक आज्यो जी डाढाळघणी खम्मा घंटियाळ।Read Moreकरणी कदै ना किन्ही इतनी तूं देर आगे