आनन्द छायो जी घर आया भैरू नाथ जी
सूधयाण साणो जाण्यो भैरू, भुल्यो धरम अगवान ।
म्हारा सुखधाम रा भैरव, म्हारी मदद करो मिणधार
मामा थारो ओ परचयो मन भायो
मतवाला जी भैरू मतवाला
सुखधाम रा भैरव आज्यो
ओ मझ में अटको पुत तिहारो
रे मेरा भाई प्यारा,सब-सू न्यारा,भैरव किजो संभाल
तू है सखा बड़भाग्य बडेरो
चरणा रो मां दास बणाकर सुखधाम निज राखो
माँ प्रकाश धरो सिर हाथ मात मैं थारो शरणाई
चरणा सूं लगा-लो चारणी,मन घबरावे है ।
हे खिड़याणी रखलो सदा दास आपके चरणों में
दया करो मात् भंवरजाई…
सुखधाम धिराणी तारण बेगी आई
श्री इन्द्र बण्या प्रकाश सगत करणी सुखधाम सजावत है
अन्नदाता मोपे ऐसी किरपा करो माई
म्हारीअरज सुणो प्रकाश मात
प्रकाश मां किरपा करो जी आप ही घणी
अन्नदाता थारी महीमा गाऊं मां प्रकाश
भगता रे भावे जी ओ मन, प्यारो लागे औरण वन
रट भोला मनड़ा मात प्रकाश को….
अम्बे माँ आपश्री प्रकाश जगत में,सब सगत्यां सिरताज
मेरी बेल्या मत तजो मां थांरो विरद गरीब नवाज
अन्नदाता थासूं भाळू माँ प्रित पुराणी
सज रियो श्री करणी सुखधाम
श्री करणी सुखधाम सोवणो,आईदान रे बास रे
झूलो झूले जी खिड़यानीझूले बैठाया भँवरदुलार
इंद्र बाईसा बण्या प्रकाश मा खिडीया कुल अवतारी है
माँ खिडियाणी को मात मेरी भँवरदुलारी को
कृपा कर माँ खिड़ियाणी,दुर्गा रूप धिराणी
माँ प्रकाश ही सहाय करे तब,काळ बिगाड़ कछु नही पावै
बाईसा तो रास रमै जी. संग म नवलख सारी जी
तीजो रूप लिया छ आवड़ आई
माँ प्रकाश लाज रखै जब
मनाऊ मै तो माँ प्रकाश सगत्ती
प्रकाश अम्बा राजत राज ढुढाड़े
थारो बड़पन बिरद विचारो जी
अर्ज सुणो माँ प्रकाश धणी
बधाई हो बधाई मां जन्मदिन री बधाई है
आज घड़ी रंग छाई,अन्नदाता स्वीकारो बधाई
आज घड़ी रंग छाई,अन्नदाता स्वीकारो बधाई गढ़ तो बनेडिया रा राई,अन्नदाता स्वीकारो बधाई पहली बधाई थारा तात मात ने जन्म लियो प्रकाश बाई | दूजी बधाई सब कुटुम्ब कबीला ने कुल रो थे मान बढाई | तीसरी बधाई सब बनेडिया…
जन्मदिन आयो अम्बे मात,अवल बधाई अन्नदाता
जन्मदिन आयो अम्बे मात, अवल बधाई अन्नदाता जन्मया जगदम्ब माँ जगराई, आया आवड़ इन्द्र अम्ब आई लेवण सेवक सदा ही सार, बख्सण सुख वे साता कृष्ण पख शुभ आठम जाणी, वार शनि पोष माह बखाणी दो हजार इक्कीस विक्रमी,…
थाने जन्मदिवस री अवल बधाई आप स्वीकारो अन्नदाता
अन्नदाता प्रकाश माँ की प्रभाती चिरजा
सुगन बता म्हारी सोनचिड़कली, करणी माँ घर कद आसी
मेहाई मोरी करनल माई करज्यो किरपा किरतार ।
मेहाई मोरी करनल माई करज्यो किरपा किरतार । जन्म जन्म की बालिका थारी, मोही दिखाद्यो दिदार । आदी अनादी अंन्नत दयामयी, हो मोटा दातार ।। मेहाई मोरी करनल माई करज्यो किरपा किरतार । काया कष्ट भयो मम भारी, जाऊं…
भवदुख रोग हरो मा भवानी,दयासिन्धु देशनोक री धिराणी
भवदुख रोग हरो मा भवानी,दयासिन्धु देशनोक री धिराणी परजन पीड़ समझ निजजन सी,आप भई अकुलानी परबस पैर भयो मा अम्बा,क्यो रुठया किनियानी||1|| लोवड़ तणी ओट रख लेसयू बचन दियो ब्राह्मणी इण री ओट खोट दे खोड़ी क्यों किनी खिडियानी||2||…
रखो अटल छत्र री छांव हिंगोल भवानी ।
रखो अटल छत्र री छांव हिंगोल भवानी ।थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी ।स्थाई। राजा दक्ष ने यज कियो बड़ों भारी लिया बुलाये देव दानव नर नारी शिव को नाय बुलाया दक्ष गुमानी थारी जय हो जय हो…
इन्द्र अम्बा मदत चढ्या हद मेरी !
!! आद्या शक्ति श्रीइन्द्रबाईसा के मामाश्री हिंगलाजदान जी बारैठ चारणवास !!®====®====®====®====® विक्रमी संवत 2001 मे भगवती भवानी अपने ननिहाल गांव चारणवास पधारे उस समय अनेकानैक कवियों ने सृजन किया था, जागावतजी ने भी अनेक पद्य रचनाये बनाई थी, उन्ही मे…
इन्द्र अम्बा कैसे सुमेर जिवायो ।
!! चिरजा शक्तिदानजी कविया सेवापुरा कृत !!®====®====®====®====® सेवापुरा सांसण सुकवियों का सनातन साहित्य से संपूरित गांव, जिसे छोटी काशी नाम से भी विभूषित किया जाता है, शक्ति भक्ति साहित्य के सृजनहारों की सुदीर्घ सूची के ही माणिक्य शक्तिदानजी कविया की…
अम्बाये मोरी बीसोतर कुल भाणजिलै जोधाण बिराजैजी !!
! चिरजा शक्तिदानजी कविया सेवापुरा कृत !!®====®====®====®====® सेवापुरा सांसण सुकवियों का सनातन साहित्य से संपूरित गांव, जिसे छोटी काशी नाम से भी विभूषित किया जाता है, शक्ति भक्ति साहित्य के सृजनहारों की सुदीर्घ सूची के ही माणिक्य शक्तिदानजी कविया की…
अम्बाये मोरी सह सकत्यां सिरमोडदेवी देशाणै बिराजै सा !
!! चिरजाः… जोगीदानजी जागावत विसन पुरा रचित !!®====®====®====®====® श्री जोगीदानजी शक्तिभक्ति साहित्य के साधक, चिरजा रचना मे नैसर्गिक सृजक अनेक राग रागनियों मे रचनायें सृजन की उन्ही मे से यह भाषा भाव व स्वर व राग की अनूठी रचना जिसमें…
अम्बै मैं तो करूं हूँ पुकार करीज्यू !अम्बै म्हारै आज्यो ज्यूँ वेग हरीज्यूँ !
!! मैं तो करूं हूं पुकार करीज्यूँ, अम्बे म्हांरै आज्योजी बेग हरीज्यूँ ! जवाहरदान जी रतनूं थूंसङा कृत !!®====®====®====®====® शक्ति भक्ति साहित्य सृजक साधको की अग्रिम पंक्ति मे शामिल जवाहरदान जी रतनूं जिन्होने रामसिंहजी के नाम से ही सारी रचनायें…
किन्दर किण विवर बसत किनियांणी !
!!किन्दर किण विवर बसत किनियाणी-2 जागावत हिंगऴाजदानजी !!®====®====®====®====® जागावत हिंगऴाजदानजी रचित चिरजा, जिसको वर्तमान पीढी के गायन विद्या के सिध्दहस्थ साधकों के लिये असंम्भव नही तो दुरूह तो अवश्य ही है, इस को सौरठ राग मे मध्यरात्री मे ऊंची आलाप…
धजाबन्द बोलत खुरद धिराणी,इन्द्र माँ हंस-हंस अमृत वाणी
!! धजाबन्द बोलत खुरद धिराणी !!!! इन्द्र माँ हंस हंस अमृत बाणी !!!! हिंगऴाजदानजी जागावत रचित !!®====®====®====®====® !! दोहा !! मन चाहत है मिलन को,दरशण को दुय नैन !श्रवण चहत है सुनन को,आपहि के शुभ बैन !! नैणा निरखूं आप…
अम्बा ये मोरी बाल्ही बुड़द विशेष !
!! बाल्ही खुङद बिशेष, जठै इन्दरेश बिराजै सा ! मानदानजी कविया दीपपुरा !!®====®====®====®====® !! दौहा !! नैणां खुरद्द निहार स्यू,दरषण करस्यूं आय !वो रवि ऐसो उगसी,सोनां हूंत सवाय !! सुणज्यो माँ श्रवणां सगत,वाणी मुझ विषेश !नैणां खुद दिखावज्यौ,अब तो माँ…
कर दृग कोर कृपा री !लज्जा मौरी राखौजी मेह दुलारी !!
!! कर दृग कोर कृपारी !!!!लज्जा मोरी राखो मेह दुलारी !!®====®====®====®====® मानदानजी कविया दीपपुरा सीकर माँ भगवती भवानी का अनन्य उपासक और चिरजा सृजन का सिध्दहस्थ साधक, ऐक सूं ऐक बेजोङ रचनांवां बणाई जो कि आज भी समाज मे गाई…
बऴू म्हांरै इन्द्र बाई सा !कऴू रो म्हांनै सोच न कांई सा !!
!! बऴू म्हांरै इन्द्र बाई सा !!!!कऴूरौ म्हांनै सोच न कांई सा !!®====®====®====®====® प्रस्तुत चिरजा रचना उच्चत्तम भाषाभाव के तारतम्य से सृजित है, पर इस रचना के रचियता पर निश्चित तौर पर कहने मे मैं असमर्थ हूं,…
मै तो करूं छू अरज पड़ पाय !अम्बे म्हारै आवो जी आवड़ माय !
मै तो करूं छू अरज पड़ पाय !अम्बे म्हारै आवो जी आवड़ माय !!!! टेर !! आवड़ आवो आखता,सेवग करण सहाय !बावड़ माता बीसहथ,मामङ सुत महमाय !!1!! लोवड़ ओट छिपाय भांण नैं,लीधो बन्धु बचाय !हाकड़यारी तीन चळू भर,सोस गया…
अरज सुण नवलख आज्यो जी !सिंह थांरां बेग सजाज्यो जी
अरज सुण नवलख आज्यो जी !सिंह थांरां बेग सजाज्यो जी !!टेर!! देणी नव निद्धि दरश,हरसिद्धि हिंगळाज !आखाँ कीरत ऊजळी,लाखाँ राखण लाज !!1!! साता दीप सिधावज्यो,माता अरजी मान !आता ज्यों खड़ आवज्यो,ताता केहर ताण !!2!! बावड़ ध्यायां बीदगां,आवड़ कर आपाण…
म्हारी इंदर अम्बा अन्न धन्न देवो थे हमेश जी
तर्ज-गर जोर मेरो चाले,हीरे मोत्यां सें… म्हारी इंदर अम्बा अन्न धन्न देवो थे हमेश जी-2आवड़ रा अवतार कहिजो,नाम थांरो इंद्रेश जी।म्हारी इंदर अम्बा…टेर अष्ट भुजा मे दुर्गा थे हो,सती रूप हिंगलाज जी।काळी लक्ष्मी सुरसत थे हो,नवलख रा सिर ताज जी।थे…
इंद्रअम्बे रम्मत रास अखाड़ै,
इंद्रअम्बे रम्मत रास अखाड़ै,परचा पृथ्वी परवाड़ैइंद्रअम्बे —- मां आसोज चैत में मांडत,खेल सुकल पखवाड़ै।सझि सिंणगार पधारत शकत्यां,गांव खूड़द गढवाड़ै।।१।। हड़ हड़ हसत मसत मदिरा मद,धड़ धड़ सिंह धुवाड़ै।चड़ चड़ चाव जोगण्यां चोसठ,धड़ धड़ भुमी धुजाड़ै।।२।। धूधूकट धृकट धृकट धम धप…
प्यारो लागे सा अन्नदाता थांरो ओ मरदानो भेष!
किरपा करज्यो ऐ म्हारी आवड़ अम्बा तेमड़ेवाली (तर्ज) प्यारो लागे सा अन्नदाता थांरो ओ मरदानो भेष!ओ मरदानो भेष आपरो ओ मरदानो भेष!प्यारो लागे सा अन्नदाता थांरो ओ मरदानो भेष! सागर सुता अवतरी जग मे अघ हरणे इंद्रेश!आवड़ रूप आप हो…
तीन लोक रो ताज कहिजे,श्रीमढ खूड़द धाम।
🔱तर्ज…ऊंचो घाल्यो पालणो….🔱 तीन लोक रो ताज कहिजे,श्रीमढ खूड़द धाम।शक्त्यां रा सिर मोर थांरो, इंदर अम्बा नाम।।म्हांरी रक्षा किज्यो सा,इंद्र कंवर अन्नदाता म्हांपर महर करिज्यो सा…टेर अष्ट भुजा में दुर्गा थे हो,नव दुर्गा हो आप।आप ही राजल देवल हो माँ,…
भगवान ब्रह्माजी से संबंधित मान्यताएँ :-
श्रीमद्भागवत के तृतीय स्कन्द के 10 वे अध्याय के 27 वे श्लोक में कहा गया हैं कि विदुर ने मैत्रेय ऋषि से पूछा कि परम पिता ब्रह्मा ने कितने प्रकार की सृष्टि की रचना की थी, इस…
खम्मा खम्मा इन्दर बाई थांरी सांची संकलाई
खम्मा खम्मा इंदर बाई थांरी साची संकळाई श्रीमढ देवरे रो सुरगां जिस्यो नजारो लागे!करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे । । टेर।। गणराजा गणपत ने सिंवरूं मां करणी रो ध्यान धरूं!आई आवड़ नागणेचजी चामुंडा प्रणाम करूं!सुद्ध मति देवो सेवक…
भगवान विष्णु से सम्बंधित मान्यताएँ :-
समुद्र मंथन के समय मंदराचल से देवता और दानव समुद्र मंथन नहीं कर सके, तब वे विष्णु के निवास स्थान पर आये उस समय विष्णु भगवान योगनिन्द्रा में निमीलित नयन थे। इसका उल्लेख मत्स्य पुराण के 249 अध्याय में हुआ…
भगवान शिवजी से संबंधित मान्यताएँ :-
परमेश्वर की भक्ति करने के लिए आर्यावर्त से बढकर कोई स्थान नहीं हैं। इसलिए अमरकोश ग्रंथ में कहा गया हैं। आर्यावर्तः पुण्यभूर्मिर्मध्यं न्ध्यिहिमागयोः। अर्थ :- हिमालय से लेकर विंध्य पर्वत तक आर्यावर्त हैं। इस आर्यावर्त को…
देवी हिंगलाज शक्तिपीठ सम्बन्धी चारण जाति की मान्यताएँ :-
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता । नमोस्तस्यै नमोस्तस्यै नमोस्तस्यै नमो नमः।। जिस तरह भगवान पुरूष रूप में धर्म-अधर्म का यथार्थ बोध कराने हेतु समय समय पर माता के गर्भ से उत्पन्न होते रहे है।, उसी प्रकार…
भगवान रामचन्द्रजी से संबंधित रामायणकालीन मान्यताएँ :-
आदि काव्य रामायण में चारणों का अनेकों बार उल्लेख हुआ हैं। जब रामचन्द्रजी का अवतार हुआ, तब ब्रहमाजी ने देवता, ऋषि, सिद्ध और चारण आदि को आज्ञा दी, कि जगत् के कल्याण के लिये विष्णु ने राजा…
भगवान कृष्ण से संबंधित महाभारतकालीन मान्यताएँ
जिस समय राजा पाण्डू तपस्या करने के लिए इन्द्रद्युम्न सर और हंसकूट को छोड़कर शतश्रृंग नामक पर्वत पर गया, और वहां चारण लोगों के समूह का प्रीतिपात्र (प्यारा) बना जिसका उल्लेख महाभारत के आदि पर्व अध्याय…
अवतारवाद :-
भारत वर्ष सदैव विश्व का आध्यात्म गुरू रहा हैं। देश, देशान्तरों से दार्शनिक, संत और ज्ञान-पिपासु लोग निरन्तर सत्य की, ज्ञान की प्राप्ति की अभिलाषा लेकर भारत आते रहे हैं। भारत ज्ञानिनम् अग्रगण्यं देवताओं…
लोक देवी :-
पुराणों आदि में वर्णित देवियों के अतिरिक्त ऐसी लोक देवियों का प्राकट्य भी समय-समय पर होता रहा हैं जो लौकिक होते हुए भी जनकल्याण हेतु अलौकिक कार्यों का सम्पादन कर लोक पूज्य देवियाँ बन गई। लोक देवी अवतार का उद्देश्य…
देवी हिंगलाज शक्तिपीठ सम्बन्धी चारण जाति की मान्यताएँ :-
देवी हिंगलाज शक्तिपीठ सम्बन्धी चारण जाति की मान्यताएँ :- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता । नमोस्तस्यै नमोस्तस्यै नमोस्तस्यै नमो नमः ।। जिस तरह भगवान पुरूषरूप में धर्म-अधर्म का यथार्थ बोध कराने हेतु समय समय…
निरधारा आधार भैरवा निरधारा आधार
श्री करणी सुखधाम भैरवानाथ से सादर विनती 🔱🚩 निरधारा आधार भैरवा निरधारा आधार ।अब सुध लेय करो उपकार……।। काशी रा कोतवाल कहावो भैरव इक्कावन लार ।जोगण चोषठ संग मे नाचे होत डैरू डणकार ।। पगला मांही घुंघरू बाजे…
आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो
आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो ।स्थाई घेरे विपदा मोकळी माँ, बिच मझधार उबारो ।तारो हे मां हमरी तरणी, सबल दिजो सहारो ।।आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो ग्यान नही कछू भी गुणा रो, दयालू ममता बिचारो ।थारो…
भूमिका
भूमिका भगवती श्रीकरनीजी जी की कृपा से “लोक देवी परम्परा श्रीकरनी माता एक विशेष अध्ययन” विषय पर मेरा पीएचड़ी शोध कार्य 2008 ई. में पूर्ण हुआ। इस शोध ग्रंथ का श्रीकरनी माता का इतिहास नाम से प्रकाशन हुआ। उस…
काळो गोरो नृत्य करै मंढ आगे !
काळो गोरो नृत्य करै मंढ आगे !जगमग जोत जगामग जागै !! भैरूँजी कटि कछनी रूपाळी,राजै पाय घूघरा बागै !तेल फुलेल खवां पर टपकै,लटी छुटी नंद नागै !! भैरूँजी झांझ मूंदग ढोल डफ डैरव,बाजत ध्रागै ध्रागै !गावत राग छतीस रागनी,सरगम सुर…
भैरूँ आवज्यो दोनों रै भाई चाह छै घणीं !!
भैरूँ आवज्यो दोनों रै भाई चाह छै घणीं !! मोडरया सूं म्हालज्यो मँडोवरा मणीं !छत्रधारी छीलाणाँ सूं धावज्यो धणीं !! हाला प्याला लेता आज्यो घूमता घणीं !डमक डैरूँ डाक घमक घूघरा तणीं !! कसन बसन पीत दशन हीर की कणीं…
करो करनादै मोहै काबो ! होवे नहीं दूर से आबो
!! श्री करणीजी महाराज को काबो !!!! जागावत हिंगऴाजदानजी चारणवास कृत अनुपम अनूठी चिरजा रचना !!®====®====®====®====® श्री हिंगलाजदान जी पराम्बा भगवती माँ के अनन्य भक्त थे, उस जमाने मे संचार व यातायात के साधनों व आर्थिक संसाधनों की नितान्त ही…
अवतरि औरूं आविया,गांव खुड़द घंटियाल !
!! चिरजा भगवती श्रीइन्द्रबाईसा महाराज की ! जागावत हिंगऴाजदानजी कृत !!®====®====®====®====® जागावत हिगऴाजदानजी शक्ति भक्ति के साहित्य सृजन मे ऐक मोटो नाम हा, माँ भगवती का अनन्य उपासक भी हा, और भगवती की उन पर कृपा भी अखूट रही सदा…
इन्द्रबाई आये कृपा करि आप
!! चिरजा !! जागावत हिंगऴाजदान जी कृत शक्ति भक्ति, श्रध्दा आस्था समर्पण भाव एवं अपने जीवन मे घटित घटना का सटीक चिरजा मे वर्णन !!®====®====®====®====® इन्द्रबाई आये कृपाकरि आप !बड़ापण राजतणूं भारी !! टेर !! पाप कोऊ प्रकट्यों मों पिछलो,मैं…
अम्बा हे गढ़ मानहु स्वर्ग बसायो
!! चिरजा !! श्रीमढ खुङद मे बणियोङा भवन री, जिणरो सहज रूप मे वरणाव करियो है हिंगऴाजदान जी जागावत !!®====®====®====®====® कैवत है जठै रवि आपरो उजास नी पूगाय पावै उठै कवि री कल्पना विचार शक्ति पूग जावै ने सृजन रो…
अम्बा मोरी श्री हिंगलाज सुथान,भई नव-लाख भेऴीजी
!! चिरजा इन्द्रबाईसा अन्नदाता के अवतरण की पूर्व पीठिका की श्रीहिंगऴाज अखाङै में सिरोमणी शक्तियों के परिषद में !!®====®====®====®====® भव भय भंजनी भगवती भवा भवानी के अनन्य उपासक व अन्दाता श्रीइन्द्रबाईसा के मातुल, जागावत श्रीहिंगऴाजदान जी जागावत रचित “अम्बा मोरी…
अरज इन्द्रबाई सूं आखां जी !
!! चिरजा जवाहरदान जी रतनू कृत !!®====®====®====®====® भाषा व भाव दोनो ही पक्षों से समुज्वल चिरजा साहित्य के चितेरे जवाहरदान जी रतनूं थूंसङा की चावी चिरजा जो समाज मे मातृशक्ति द्वारा शक्तिपर्वो पर…
धिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ी
धिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ी करनल सोच कियो भगतां को,तारण चारण ताणी,ले अवतार लालधजाळी,खिड़िया कुळ चमकाणी। आईदान रो बास अम्बिका,पावन धर परमाणी,दाढ़ी वाळी मूरत धराई,धाबळ ओढ़ धिराणी।। बैठी इन्द्र मात भवानी,बीसहथी ब्राह्मणी,भैरव भ्रात द्वारे ऊभा,अम्ब तणा अगवाणी।। जगत पिता महादेव…
अर्ज सुण आज्यो भैरव नाथ
अर्ज सुण आज्यो भैरव नाथटैर म्हारी काना पड़ता ही ||टैर|| 1, थे छो काला गोरा वीर,म्हारा सुख दुख वाला सीरसदा थे सग रहाज्यो वीरा विनती धरी छ घट माही 2, नवलख सगत्या का अगवाणी,थाकी महीमा सब जग जाणीजपु थारो जन्म…
शरणे लेल्यो सा थारां चरण चंडी रा अगवाण मतवाला म्हाने शरणे लेल्यो सा
शरणे लेल्यो सा थारां चरण चंडी रा अगवाणमतवाला म्हाने शरणे लेल्यो सा मैं मतिमूढ़ हीन सब गुण में,ना मन मे कुछ भावपण थारां दर्शन बिन बीरा,जीवण रो नही चावमतवाला म्हाने शरणे लेल्यो सा…. मनडे मांहि गोरा काला , छवि तिहारी…
अद्भुत परचो आपरो माँ मनडो गाय रयो है
अद्भुत परचो आपरो माँ मनडो गाय रयो है आई आरती नाम की इक कन्या ले अरदासरोग असाध्य जलम से माँ बच्या नही कछु सांसआप सरण पितु संग में आई ,और न साय रयो हैअद्भुत परचो आपरो माँ मनड़ो गाय रयो…
अम्बे जी तो इंद्र सगत अवतारी
!!अन्नदाता प्रकाश बाईसा की चिरजा!!अम्बे जी तो इंद्र सगत अवतारीमाँ प्रकाश महतारी देख दसानन सो नर धरती,राखण धरम रुखारी,कंस दुष्ट मेटण बण किरशण, चक्र सुदर्शन धारी,अम्बे जी तो इंद्र सगत अवतारी—– फाड़ खम्ब अम्ब जद थूं प्रगटी,भगत प्रह्लाद बिचारी,चीर दियो…
अम्बे जी रो अचल अखाड़ों सुचल हैं
🙏 मां करणी इन्द्र प्रकाश सदा सहाय 🙏—————————————————–दोहा:-इला उपरे अवतरया, टाळणे जगत तास ।हित राखण नित सेवगा, प्रगटया मां प्रकाश ।।—————————————————–।। चिरजा चिरत ।।🦅📿 मां प्रकाश अखाड़े दर्शव 🔱🐁——————————————————अम्बे जी रो अचल अखाड़ों सुचल हैं प्रकाश मां रो अचल अखाड़ों…
करणादे री गोदी में खेल करूँ छुंमाँ रे चरणा ध्यान धरूँ छुं
कुँवर विराज शेखावत कृत दयालु माँ श्री करणी जी की चिरजा- सुखभर नींद सदाहि सोवूं, जगदम्ब जाप करूँ छुं,हाथ स्यूँ थापि देय हेतभर,हंस हंस हेत करूँ छुंमेहाई री गोदी में खेल करूँ छुं— झंझट देख जगत रा झूठा,भय भर झेंप…
आज खिड़िया कुल अवतरी सगत माँ प्रकाश जी
आज खिड़िया कुल अवतरी सगत माँ प्रकाश जीआय दूजी बार इंद्र अम्ब रख विश्वास जी…. अंतराभगत रा दुख भांगवा अर करण सुख अधिवास जीकृष्ण पख री तिथि आठम पोष पावन मास जीआज खिड़िया—- चरण धरिया चारणा कुल अर धरा उजियास…
इण कलजुग रे मांय अम्बिका कोई न साई जी आरत वाणी सुण खिड़यानी दौड़ी आई जी
इण कलजुग रे मांय अम्बिका कोई न साई जीआरत वाणी सुण खिड़यानी दौड़ी आई जी नरपत दान प्राण हरणे को जम जमदूत पैठाईकाल सामने महाकाल ज्यूँ माँ प्रकाश ने पाई ,जीवन रो छिपियोड़ो सूरज अम्ब उगाई जीआरत वाणी सुण खिडीयानी…
जी म्हारे अन्नदाता स्यूँ आछो लागे आईदान रो बास
!! चिरजा !! जी म्हारे अन्नदाता स्यूँ आछो लागे आईदान रो बास भागी धरती बनेडिया री,करण सुकारज खास,करणी रो आदेश पाकर,प्रगटी मात प्रकाश,म्हारे बाईसा स्यूँ आछो लागे आईदान रो बास।। खिड़िया कुल ऊजळ करण, वरण पात बिश्वास,भगत उबारण भगवती,अर अवनी…
मनड़ा रट मेहाई मात देशाणा वाळी रे,
कुँवर विराज कृत श्री करणी जी की चिरजा मनड़ा रट मेहाई मात देशाणा वाळी रे,डाढ़ालि मा बड़ी दयालु,काबावाली रे।। 3.चरण मात रमणो जो चावे, विषय विकार हीन बणजावे,पावे सुर नर बीच परमपद,अतरी किरपाळी रे,मनड़ा रट मेहाई मात देशाणावाळी रे।। 4.मन…
धिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ी
धिन धिन धनियाणी,सांची सुरराणी,मोटी मावड़ी करनल सोच कियो भगतां को,तारण चारण ताणी,ले अवतार लालधजाळी,खिड़िया कुळ चमकाणी। आईदान रो बास अम्बिका,पावन धर परमाणी,दाढ़ी वाळी मूरत धराई,धाबळ ओढ़ धिराणी।। बैठी इन्द्र मात भवानी,बीसहथी ब्राह्मणी,भैरव भ्रात द्वारे ऊभा,अम्ब तणा अगवाणी।। जगत पिता…
SHREE KARNI VIRAT ROOP
विराज शेखावत कृत भगवती श्री करणी जी की स्तुति- जगत पोषक जोगणी, सोखे सायर सात,विश्व व्यापक बीसहथ,मोरी करणी मात।।रवि रश्मि रथ रोकणी,गिरती बिजळी गाज,लोवड़ माँ काळी लियां, हाजर थूं हिंगलाज।। धराय गंग चंद शीश शूल हाथ धारणी,वरे विधी विधान वेद…
जो प्रकाश जपे उठता झुक
अन्नदाता श्री प्रकाश बाईसा रो|| मतगयंद सवैया || जो प्रकाश जपे उठता झुक,माँ चरणां नित शीश निवावै |दाळद दोष हरे विपदा दु:ख,मायड़ व्याधि विषाद मिटावै |ज्ञान बढ़ावत मां घट भीतर,उत्तम मारग और चलावै |माँ प्रकाश ही सहाय करे तब,काळ बिगाड़…