आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो
आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो ।स्थाई
घेरे विपदा मोकळी माँ, बिच मझधार उबारो ।
तारो हे मां हमरी तरणी, सबल दिजो सहारो ।।
आधार तुम्हारो प्रकाश अम्बा, पुकारत बेग पधारो
ग्यान नही कछू भी गुणा रो, दयालू ममता बिचारो ।
थारो बालक भोलो हूं माँ, निज शरणा बिच धारो ।।
चानणो राखो चित मांही, भव सूं करो निसतारो ।
सारो बिड़द शरणागत रो माँ, नजरा नेक निहारो ।।
में मतिहीन मलीन मुरख माँ, जाल संकट रो टारो ।
सभालो सहाय शंकरी माँ, काटो पाप रो भारो ।।
मेघराज लुणासर मावड़ी, चावे चरणा किनारो ।
खरो राखो मान खिड़याणी, अचल आशिष विस्तारो ।।
मेघराज लुणासर ( मानस )
Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram