सगत मात प्रकाश सहाई,
सगत मात प्रकाश सहाई, सिमरे जो मन स्यू सुरराई
दीन हीन हो दुख घिर आवे,आश लेय अम्बे दर आवे
और सुनावे चित की चिंता,पल मांहि देखे प्रभुताई
सगत मात प्रकाश सहाई,सिमर जो मन स्यु सुरराई
विपदा भौतिकता री व्यापे,काया रोग दोष स्यु कांपे
धापे जीव जीवकर जीवन,तब आनंद बगसे तुरताईं
सगत मात प्रकाश सहाई,सिमर जो मन स्यु सुरराई
मान घटे इस जग रे मांहि,और अलग होवे अपनाही
जप प्रकाश नाम रो जपतां, बरसावे बादळ सुखदाई
सगत मात प्रकाश सहाई,सिमर जो मन स्यु सुरराई
माँ प्रकाश नाम री माला,रटिया रेवे खुद रखवाला,
और ऊंताला आवे अविलम्ब,जगदम्बा अम्बा भँवरजाई
सगत मात प्रकाश सहाई,सिमर जो मन स्यु सुरराई
अवगुण कुंवर विराज रा अम्बा,ल्यावो मत चित में भुजलम्बा,
माँ प्रकाश पराशक्ति हो,इण तुच्छ बालक ने अपनाई
सगत मात प्रकाश सहाई, सिमरे जो मन स्यु सुरराई