अर्ज सुण आज्यो भैरव नाथ
अर्ज सुण आज्यो भैरव नाथ
टैर म्हारी काना पड़ता ही ||टैर||
1, थे छो काला गोरा वीर,म्हारा सुख दुख वाला सीर
सदा थे सग रहाज्यो वीरा विनती धरी छ घट माही
2, नवलख सगत्या का अगवाणी,थाकी महीमा सब जग जाणी
जपु थारो जन्म जन्म म जाप आप छो हरदम ही साही
3, सिमरो आप सदा अविनाशी, हु मे दर्शन की अभीलाशी
रमज्यो नवलख संग म राख अखाड़े सुखधाम माही
4, थारी शरण सदा सुखदाई,सहायक रिझयो म्हारा भाई
बहन प्रकाश तणी अरदास श्वास का अन्त समय ताही
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