मै तो करूं छू अरज पड़ पाय !अम्बे म्हारै आवो जी आवड़ माय !
मै तो करूं छू अरज पड़ पाय !
अम्बे म्हारै आवो जी आवड़ माय !!
!! टेर !!
आवड़ आवो आखता,
सेवग करण सहाय !
बावड़ माता बीसहथ,
मामङ सुत महमाय !!1!!
लोवड़ ओट छिपाय भांण नैं,
लीधो बन्धु बचाय !
हाकड़यारी तीन चळू भर,
सोस गया सुरराय !!2!!
साय करी सेखारी सकती,
सँभळी रूप सजाय !
साह तणी त्यारी तूं तरणी,
धावळवाळी धाय !!3!!
अरज सुण्याँ सूं आखता,
हरि ज्यूं बेगा आय !
संकट काटण सेवगाँ,
करी ज्यूँ करो सहाय !!4!!
साद सुणतां शंकरी,
सुख संपत सरसाय !
चिन्ता मेटो चंडिका,
कहत गुला नित माय !!5!!
!! चिरजा गुलाबबाई कविया !!