रखो अटल छत्र री छांव हिंगोल भवानी ।
रखो अटल छत्र री छांव हिंगोल भवानी ।
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी ।स्थाई।
राजा दक्ष ने यज कियो बड़ों भारी
लिया बुलाये देव दानव नर नारी
शिव को नाय बुलाया दक्ष गुमानी
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी
देख निरादर भयी कुपित बड़ी भारी
कुद गई यज्ञ बिच शिव शंकर प्यारी
छोड़ी देह निरजीव सतीत निशानी
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी
शिव शरीर उठाकर तांडव धारो
भयभीत भयी सष्ट्री जग डरपो सारो
बिष्णु चक्र से अंग भंजया रूद्राणी
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी
शिश रंजो उण थाह हिंगलाज थाई
पिंठ चौरासी पुजीजे सगत सुरराई
सत् री आद जुगा सुं अमर सैनाणी
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी
देवो दरस हिंगलाज सुत ओ चावे
बालक नित गुण थारा ही गावे
मेघराज लुणासर किरती बखाणी
थारी जय हो जय हो आद सगत शिवरानी