खम्मा खम्मा इन्दर बाई थांरी सांची संकलाई
खम्मा खम्मा इंदर बाई थांरी साची संकळाई श्रीमढ देवरे रो सुरगां जिस्यो नजारो लागे!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे । । टेर।।
गणराजा गणपत ने सिंवरूं मां करणी रो ध्यान धरूं!
आई आवड़ नागणेचजी चामुंडा प्रणाम करूं!
सुद्ध मति देवो सेवक ने सुरसत मात सिलाम भरूं!
बालक जाण क्षमा चाहूं चरणा में चिरजा शुरू करूं!
मत ना भूलचूक चित ल्याज्यो म्हाने माफी थे बगसाज्यो
उभो हाथ जोड़ दरबार में अन्नदाता आगे!!१!!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे
बीड़द खूड़द रो कांई बखाणा इंद्र जिस्या अवतार जठे!
देवळ री धरती ने लिनी देशनोक री राय पटे!
इण धरती ने शीश निवायां दुख दारिद्र पाप कटे!
अष्ट सिद्धि नव निद्धि रो संगम नव दुर्गा रो बास अठे!
जो कोई साचे मन स्यूं ध्यावे बाइसा दोड़्या दोड़्या आवे!
है भुल्यां ने राह बतावे रेवे सागे सागे!!!२!!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे!!
रतनू कुळ रो रतन उजळो सागर घरां सुहासणी!
धिन धिन धापल मायड़ ने जिण अजब अनोखी धींव जणी!
गोर वरण मुखड़े री आभा उगते सूरज कीरण तणी!
सिर साफो तन कोट कसावट पुरूष भेष में बणी ठणी!
हिंवडे़ हार हजारी पड़ियो माणक मोती लालां जड़ियो!
कमर कटारो थांरो खांण्डो बीजळ सारो लागे!!!३!!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे…!!
गर्भिलो गेढे रो ठाकर सेवा ना सतकार कर्यो!
गुंगी गेली जाण चारणी इंदर रो अपमान कर्यो!
गढ स्यूं गूड़क पड़्यो धरणी पर ‘अन्याई’ बेमोत मर्यो!
बाल जोगणी पकड़ खड़ग ने जद सिंघड़े रो रूप धर्यो!
परचा दिन्या कानी कानी दुनियां साची जद कर मानी!
जग में इंद्र कंवर रे नाम रो जैकारो लागे!!!४!!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे!!
सिद्ध चोरासी शगत चारणी एक एक स्यूं ईदख घणी!
पण सगळ्यां री शिरोमणी आ बेनड़ अम्बादान तणी!
भावज उगम कंवर सेवा कर काळजिये री कोर बणी!
भेरूंदान भतिजा जिण रे हाजर नाजर आप धणी!
सोनी इंदर लिछमण जाया थांरे वरदाना स्यूं पाया!
सागर शगती ने सिंवर्यां स्यूं सोया भाग जागे!!!५!!
करणी इंदर थांरो नाम प्यारो प्यारो लागे!!
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