बिन बोल्या अम्बे कैसे कहूँ खिड़ियाणी म्हारे मन री आश
भगवती प्रकाश बाईसा महाराज की चिरजा बिन बोल्या अम्बे कैसे कहूँ खिड़ियाणी म्हारे मन री आश अवर न कोई देव री आवे,उर में छवि आभास,ध्यान चरण थारां रो धरकर रसना रटत प्रकाश,बिन बोल्या अम्बे कैसे कहूँ खिड़ियाणी म्हारे मन री…